अतुल्य भारत 24×7/मंडी
केंद्र की मोदी सरकार की मजदूर व जनविरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ 9 अगस्त को सँयुक्त ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर देशव्यापी प्रदर्शन आयोजित किये जायेंगे। मंडी में इस प्रदर्शन को सफ़ल बनाने की तैयारी के लिए आज सीटू, इंटक, एटक और निर्माण कामगार यूनियन की सयुंक्त बैठक आयोजित की गई। बैठक में निर्णय लिया गया की 9 अगस्त को मंडी ज़िला मुख्यालय में सभी मज़दूर संगठन सयुंक्त रूप में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
भूपेंद्र सिंह और वाई पी कपूर ने मीडिया बताया कि केन्द्र की मोदी सरकार की नवउदारवादी व पूंजीपति परस्त नीतियों के कारण बेरोजगारी, गरीबी, असमानता व रोजी रोटी का संकट बढ़ रहा है सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कमज़ोर करने के कारण बढ़ती मंहगाई ने जनता की कमर तोड़ कर रख दी है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीज़ल, रसोई गैस, खाद्य वस्तुओं के दामों में भारी वृद्धि हो रही है।
उन्होंने बताया कि सभी मज़दूर संगठन केंद्र सरकार से न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये प्रति माह और सभी श्रमिकों को पेंशन सुनिश्चित करने; मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं और बिजली संशोधन विधेयक को निरस्त करने, कॉन्ट्रेक्ट, पार्ट टाइम, मल्टी पर्पज, मल्टी टास्क, टेम्परेरी, कैज़ुअल, फिक्स टर्म, ठेकेदारी प्रथा व आउटसोर्स प्रणाली पर रोक लगाकर इन सभी मजदूरों को नियमित करने, शहरी क्षेत्रों में विस्तार के साथ मनरेगा के तहत 600 रुपये प्रति दिन की मजदूरी पर 200 कार्य दिवस प्रदान करने, मनरेगा, निर्माण तथा बीआरओ मजदूरों का श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण व आर्थिक लाभ बहाल करने की मांग की।