अतुल्य भारत 24×7/संगडाह
कम उम्र में पति की मौत के बाद 2 बेटों सहित एक बेटी की जिम्मेदारी निभाना किसी भी महिला के लिए आसान नहीं होता। लेकिन बाजार में ढाबा चलाकर मथुरा देवी ने न केवल इस जिम्मेदारी को निभाया बल्कि अपने बच्चों को सही मुकाम तक भी पहुंचाया।
मां के संघर्ष से बेटी को भी हौंसला मिला और उसने सपने पूरे करने की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए जिला सिरमौर की बेटी करिश्मा ने UGC-NET व JRF की परीक्षा को क्रैक कर ना केवल जिला सिरमौर बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रोशन कर दिया है।
करिश्मा सिरमौर जिला के संगडाह उपमंडल के गिरिपार क्षेत्र गताधार की रहने वाली है। करिश्मा ने 99.09 प्रतिशत अंकों के साथ हिंदी विषय में जूनियर रिसर्च फैलोशिप की परीक्षा पास की है। करीब 41 हजार छात्रों ने परीक्षा में भाग लिया था, जिसमें से 800 ने परीक्षा को पास किया है।
करिश्मा के सर से पिता का सारा छोटी उम्र में ही उठ गया था। करिश्मा जब सातवीं कक्षा की पढ़ाई कर थी थी तभी उसके पिता का स्वर्गवास हो गया। पति की मौत के बाद मां मथुरा देवी ने बच्चों के पालन पोषण का जिम्मा लिया और गत्ताधार बाजार में ढाबा चलाना शुरू कर दिया। मां ने बच्चों की परवरिश में कोई भी कमी नहीं छोड़ी। इसी का नतीजा है की आज करिश्मा ने UGC- NET व JRF की परीक्षा को क्रैक किया।
करिश्मा की दसवीं तक की पढ़ाई गांव के ही स्कूल से हुई है। करिश्मा ने डॉ. वाईएस परमार पीजी कॉलेज नाहन से स्नातन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविधालय से हिंदी में MA की डिग्री भी प्राप्त की। MA की डिग्री के दौरान ही करिश्मा ने दो बार नेट की परीक्षा को पास कर लिया था। वही अब करिश्मा ने JRF की परीक्षा को पास कर लिया है। करिश्मा ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों व अपनी माता को दिया है।