अतुल्य भारत 24×7/ब्यूरो
हिमाचल प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों के लिए सुक्खू सरकार ने एक फरमान जारी किया है। सरकार का आदेश है कि शिक्षा का अधिकार कानून के तहत सभी प्राइवेट स्कूलों को 25% सीटें EWS यानी आर्थिक रूप से कामचोर वर्ग के बच्चों से भरी जाएं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालन करते हुए सरकार ने निजी स्कूलों को ऐसे बच्चों को फ्री एजुकेशन देने को भी कहा है, जिन्होंने अपने मां बाप या दोनों में से एक को कोविड के कारण खोया है। शिक्षा सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने प्राइवेट स्कूलों के प्रिंसिपल और अधिकारियों के साथ बैठक करके उन्हें RTE के नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश जारी किए हैं।
क्वालिटी एजुकेशन पर जोर देने को कहा
शिक्षा सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने स्कूलों को बच्चों की क्वालिटी एजुकेशन पर जोर देने को कहा। गरीब बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके, इसके लिए निजी स्कूल प्रबंधको को गरीब बच्चों को एडमिशन देने की प्रक्रिया आसान बनाने को कहा गया है।
प्राइवेट स्कूलों को मनमाने तरीके से पीस न बढ़ाने के निर्देश
सचिव शिक्षा ने प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों को मनमाने तरीके से ज्यादा फीस नहीं बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं, ताकि अभिभावकों की जेबों पर बच्चों की पढ़ाई का बोझ ना बढ़े।
उन्होंने स्कूल संबंधी विभिन्न समितियों जैसे PTA, नशे के विरुद्ध समिति, सड़क सुरक्षा, शिकायत निवारण और आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठों की नियमित समय पर बैठकें करने को कहा। साथ ही छात्रों का शारीरिक, मानसिक और नैतिक विकास सुनिश्चित करने के लिए भी कहा।
बच्चों में ड्रग्स अवेयरनेस बढ़ाने को कहा
स्कूल प्रबंधकों को बच्चों की ड्रग्स अवेयरनेस और करियर काउंसलिंग करने पर भी जोर देने को कहा। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन अभिभावकों के साथ मिलकर यह युवा शक्ति को नशे से बचने के लिए नई पहल सुनिश्चित करें। युवकों और छात्रों में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति को कम करने के लिए स्कूल प्रभावशाली आइडिया के साथ रणनीति बनाकर काम करें।