लेखक:- ओम दत्त/ हमारे क्षेत्र के लोगों के लिए आजीविका हेतु खेती बाड़ी ही मुख्य साधन है l कृषि, बागवानी और पशु पालन इन सब को मिलाकर रोजगार के अच्छे साधन सृजित किए जा सकते हैं l हमारे क्षेत्र में कुछ फसलों की अच्छी पैदावार होती है लेकिन उन्हें अच्छी मार्किट नहीं मिलने के कारण लोग इन फसलों को व्यावसायिक रूप से नहीं उगाते हैं l
लहसून, गलगल, नींबू, मिर्च, प्याज, जंगल में पायी जाने वाली सब्जी कसरोड(furn) या जिसे लुगडू भी कहा जाता है, ईन सब का आचार तैयार होता है l अपने क्षेत्र में महिलाओं द्वारा संचालित विभिन्न स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर अचार, मुरब्बा और चंबा चुख आदि बनाने के लिए हर गाँव में लघु उद्योग स्थापित किए जा सकते हैं l
प्रोडक्ट तैयार होने के बाद इन्हें बढ़िया पैकिंग करके बाजारों में भेजा जा सकता है। हमारे क्षेत्रों में मुख्यतः मक्की की फसल होती है, मक्की के स्थान पर इसी प्रजाति की पॉपकॉर्न की फसल तैयार करे इन्हें पैकिंग करके बाजार मे भेजा जा सकता है l बागवानी के क्षेत्र में भी लोग बहुत सारे फलदार पौधे उगाते हैं जैसे सेब, खुबानी, आड़ू, नाशपाती कीवी, पल्म आदि इन सब फलों को मशीन द्वारा सूखा कर और पैक करके बाजार में भेजा जा सकता है l
अखरोट की गिरी निकालकर भी इसी प्रकार पैक करके बेचा जा सकता है l इन सब को ऑर्गेनिक तैयार करने के लिए एक वर्मी कंपोस्ट प्लांट लगाया जा सकता है, इसके लिए सभी गाँव के लोग अपने घर में एक अच्छी नस्ल की गाय पाल सकते हैं और उन सब से दुध इकट्ठा करके बाजार में भेजा जा सकता है और दुग्ध उत्पाद जैसे पैक्ड दूध, दही और पनीर बनाया जा सकता है जिससे हर घर में आय के साधन तैयार हो जाएंगे l

वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने के लिए सभी घरों से गोबर न्यूनतम मूल्य पर लिया जा सकता है, जब वर्मी कंपोस्ट तैयार हो जाएगा तो उससे भी एक निश्चित आय तैयार हो जाएगी l इन सब के लिए कुछ मशीनों की जरूरत होगी जैसे मिक्सर, कटिंग, पैकिंग मशीन, ड्राइर मशीन, लहसून के पेस्ट और पनीर के लिए वैक्यूम पैकिंग आदि।
यह सब कार्यान्वित करने के लिए महिलाओं द्वारा संचालित स्वयं सहयता समुहों को इससे जोड़ा जा सकता है जिससे गाँव में ही महिलाओं और बेरोज़गार युवाओं के लिए रोज़गार के साधन उपलब्ध हो जाएंगे और इस व्यवस्था से ज्यादा से ज्यादा लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं। सरकार को चंबा के विकास के लिए इस ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
नोट:-यह लेख ओम दत्त ग्राम पंचायत खरल, तहसील सलूणी,जिला चंबा हिमाचल प्रदेश द्वारा लिखा गया है। आप उनके इन सुझाबो से कितना सहमत है अतुल्य भारत 24×7 के साथ जरूर सांझा करें।