अतुल्य भारत 24×7/ब्यूरो
हिमाचल शिक्षा विभाग में पसंद का स्टेशन नहीं मिलने की वजह से 300 से ज्यादा प्रभावशाली टीचर बगैर पढ़ाए फ्री की तनख्वाह ले रहे हैं। प्रदेश सरकार ने ऐसे अध्यापकों का ब्यौरा मांगा है। शिक्षा विभाग में दोनों निदेशालयों ने सभी डिप्टी डायरेक्टर्स से डिटेल मांग ली है। कई जिलों से यह डिटेल डायरेक्टर ऑफिस पहुंच गई है।
सरकार और शिक्षा विभाग के इस एक्शन से बेवजह इधर-उधर बैठे रसूखदार शिक्षकों में हड़कंप मचा है क्योंकि उन्हें उसी जगह भेजे जाने की शिक्षा विभाग ने तैयारी कर ली है, जहां से उनकी तनख्वाह निकलती है। यदि ऐसा होता है तो फिर शिक्षकों को दूरदराज के स्कूलों में जाना पड़ेगा, जहां से वे अपना वेतन निकलवा रहे हैं।
शिमला स्टेट हेड क्वार्टर में ऐसे अध्यापकों की संख्या पहले से ही चर्चा में रही है, लेकिन प्रदेश के अन्य जिला मुख्यालयों पर भी इसका आंकड़ा अच्छा खासा है। करीब 15 अध्यापक हर जिले में मौज कर रहे हैं। जिन्हें स्टूडेंट पढ़ाना चाहिए वे डेयरी डिस्पैच में बैठकर समय बिता रहे हैं। कई बेवजह मेडिकल सर्टिफिकेट देकर ऐसी जगह चिपके है, जहां काम ही नहीं है, लेकिन ले रहे हैं मोटी तनख्वाह।
हमीरपुर के 13 लोग इस सूची में शामिल हैं। इनमें से कुछ की तनख्वाह कांगड़ा, मंडी और कुछ अन्य जिलों से निकल रही है। सूत्रों के मुताबिक, अभी तक स्टेट हेड क्वार्टर सहित अन्य जिलों में बैठे करीब 308 टीचर चिन्हित हो चुके हैं। इनकी सूची तैयार करवाई जा रही है, ताकि सरकार से स्वीकृति मिलने पर इन्हें उनकी ड्यूटी वाली जगह पर भेजा जा सके।
हायर एजुकेशन के डायरेक्टर अमरजीत सिंह का कहना है ब्यौरा मंगवाया गया है। कई जिलों का आना बाकी है। ऐसी सूची में करीब सवा 200 टीचर मौजूद हैं। इसके अलावा 150 के करीब रैशनलाइजेशन की गिरफ्त में आए हैं। अमरजीत ने कहा कि सूची में शामिल कुछ लोग चंडीगढ़ में ही मौजूद हैं। इस सूची की में तकरीबन 100 शिक्षक ऐसे होंगे, जो डायटों में तैनात हैं, उनकी मौजूदगी बनी रहेगी। बाकी सभी पढ़ाने वाली जगह पर जाएंगे।
विडंबना देखिए जिन्हें हिमाचल में बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा दिया गया है, जिनकी तनख्वाह हिमाचल के किसी ना किसी खाली चल थे पद से निकली जा रही है, ऐसे कई टीचर्स चंडीगढ़ में भी बैठे हैं। ऐसे रसूखदारों के बारे न्यारे हैं। इनकी सूची भी छोटी नहीं है।