अतुल्य भारत 24×7/ब्यूरो
रोहडू के जाड़ा गाँव से संबंध रखने वाले पूर्व आर्मी ऑफिसर प्रवीण कुमार भारद्वाज ने ना सिर्फ़ HAS का एग्जाम क्लियर किया बल्कि टॉपर बनकर परिवार के लिए इस ख़ुशी को दुगना और बच्चों के लिये उदाहरण प्रस्तुत बन गए। बाहरवीं तक सरकारी स्कूल में अपना अध्ययन पूरा करने के बाद प्रवीण कुमार ने इण्डियन एयरफ़ोर्स को जॉइन कर खुद को देश सेवा में समर्पित कर दिया।
2020 में इण्डियन एयरफ़ोर्स से रिटायर होने के बाद अपने भाई कमलेश भारद्वाज जो बतौर माइनिंग ऑफिसर रोहडू में अपनी सेवाएँ दे रहें है। उनके देखे सपने की राह पर चलना शुरू किया। मीडिया से बात करते हुये टॉपर प्रवीण कुमार भारद्वाज ने बताया HAS के एग्जाम के रिजल्ट को लेकर आश्वस्त तो था मगर टॉपर बनूँगा ये नहीं सोचा था। उन्होंने कहा मुझे बेहद ख़ुशी है मैंने जो भी सपना देखा उससे पूरा किया।
उन्होंने कहा की अगर मेरा यह सपना पूरा नहीं होता तो वह यक़ीनन बागवान बनकर सामाजिक हित में कार्य करते, लेकिन मेरे भाई कमलेश भारद्वाज के साथ ने इसे मुमकिन कर दिया। देशसेवा के बाद समाज की सेवा का मौक़ा मिल रहा है ये मेरे लिये ख़ुशी कि बात है। प्रवीण कुमार भारद्वाज ने कहा मैंने कभी किसी कोचिंग इंस्टीट्यूट से कोचिंग नहीं ली सेल्फ स्टडी ही मेरी प्राथमिकता रही।
लेकिन सुरेश जोकटा और जोकटा एकेडमी चंडीगढ़ ने कुछ टॉपिक्स पर मेरी पढ़ाई में अहम साथ दिया। प्रवीण कुमार भारद्वाज के पिता शमशेर सिंह भारद्वाज सरकारी कर्मचारी के पद से सेवा निवृत हुये है और माता सुमित्रा देवी गृहणी। उनकी अर्धगिनीं प्रेरणा नर्स है। उन्होंने कहा की मेरी कामयाबी की कहानी में इनके सहयोग को अल्फ़ाज़ों में बयॉं नहीं कर सकता।