राहु की दशा पूरे जीवनकाल में 18 साल 18 दिन तक व्यक्ति के जीवन में आती है, राहु इंसान को आधे समय के लिए बुरा फल व आधे समय के लिए उच्चतम फलदायक होता है। अगर राहु शुरू में नीच फल दे तो व्यक्ति को रोग, झूठे आरोप, अपने पराये से बुरा ब्यवहार झेलने के साथ, कोर्ट कचहरी के चक्कर व घर परिवार से दूर करता है।

दूसरी तरफ अगर उच्च फल देना शुरू करे तो इंसान को अनायास धन, उच्च कोटि के लोगों से मेल मिलाप, राजयोग सुख, तथा उच्च कोटि का जीवन व्यतीत करता है। राहु केतु दो ऐसे ग्रहः है जो मात्र खुद में खुद ही पराक्रम लिए संम्पन हैं, राहु केतु व बुद्ध तीन ग्रहः एक ही फलादेश देना शुरू करते हैं अगर दोनों में से किसी भी ग्रहः की महादशा या अंतर चलता है।
राहु व्यक्ति के जीवन को चलाएमान बनाता है तथा निम्न प्रकार का जीवन अपने बुरे असर से व्यतीत करवाता है। राहु की दशा में व्यक्ति अगर पैतृक घर निवास छोड़ कर अगर प्रवास का जीवन व्यतीत करता है तो अवस्यमय राहु उच्च फल प्रदान करता है तथा व्यक्ति को जीवन की हर ऊंचाई की तरफ अग्रसरता प्रदान करता है।
राहु केतु शनि बुध मृत्यु कारक ग्रह भी माने जाते हैं इनका उपाए माँ यमुना में स्नान, शमशान सेवा या पूजन , यम पूजन तथा राह पूजन विशेषकर अच्छे फल प्रदान करता है।विशेषतः राहु इंसान को राजयोग, वाहन व अन्य अनायास सुख भी प्रदान करता है। राहु की अगर सही तरीके से पूजन व निवारण किया जाए तो ये ग्रहः दुश्मनों के कुल का भी विनाश करता है।