अतुल्य भारत/चंबा
हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस सवारियों ने चूड़ी पुल से लिल्ह तक करीबन दो किलोमीटर चढ़ाई पर धक्का लगा और टायर के नीचे पत्थर लगा कर निर्धारित गंतव्य तक पहुंचाईं। जिस कारण सवारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। देर रात 9:00 बजे सवारियां लिल्ह बस स्टैंड पहुंची। जहां से गांव तक जाने के लिए ग्रामीणों को दो से तीन घण्टे पैदल चल कर जाना पड़ा।
सवारियां देर रात 11 से 13 बजे के करीब अपने घरों तक पहुंच पाई। सवारियों का कहना है कि मंगलवार शाम 6:30 बजे चंबा लिल्ह रूट पर एचआरटीसी की एचपी 73-5065 नंबर की बस भेजी गई। जो चूड़ी पुल पर हांफ गई। जैसे तैसे कर बस लिल्ह पहुंची। खस्ताहाल बस को रूट पर न भेजने की मांग निगम के अधिकारियों से भी की गई।

बावजूद इसके वीरवार को एक बार फिर से वही बस रूट पर भेजी गई। जिससे सवारियों को परेशानियां उठानी पड़ी।ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और एचआरटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक से रूट पर कंडम बसे न भेजने की मांग उठाई है।
सवारियों में हाकम सिंह, प्रकाश चनेड, दलीप कुमार, अंजना देवी, सरिता देवी ने बताया कि वीरवार शाम बस स्टैंड से वे सांय 6:30 बजे बस में सवार हो अपने गंतव्य को रवाना हुई। लेकिन, चूड़ी पुल के पास निगम की बस बीच राह हांफ गई।
बस में सवार सवारियों को जैसे तैसे धक्के लगाने पड़े। बस भी बहुत देरी से नौ बजे लिलह बस स्टैंड पर पहुंची। अभी रात को लोगों को दोन तीन घंटे बस स्टैंड लिलह से पैदल जाना है। किसको बोलें कोई सुनने वाला नहीं।