स्वतंत्र लेखक-हेमराज-हेमराज राणा
आज हम जिला सिरमौर के दुर्गम क्षेत्र गिरिपार के (शरली) गांव के एक ऐसे युवा संत व्यक्तित्व की कुछ ज्ञान वर्धक जानकारी आप सभी के निमित्त रखना चाहेगे जिन्होंने लगभग 20 वर्ष पूर्व में घर बार छोड़कर संन्यासी का जीवन जीने का फैसला किया ऐसे संत युवा व्यक्तित्व है परम् पूजनीय श्री प्रकाश चैतन्य महाराज जी जो आज सनातन धर्म ओर भक्ति ज्ञान रस, सम्पूर्ण अध्यात्म का रसपान आज हिमाचल में ही नहीं देश व विदेशों में भी अपनी ख्याति अर्जित कर रहे हैं जो कि हम सभी गिरिपार ओर सिरमौर वासियों के लिए गर्व का विषय है कि जिनके मुखारविंद से आज हम सभी अनुग्रहित व अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहें हैं।
ऐसे संत महापुरुष का जिला सिरमौर के गिरिपार के एक छोटे से गांव में जन्म हुआ है जो आज हमारे हिन्दू धर्म का परम् पवित्र ग्रंथ भागवत कथा का श्रवण हर गांव गांव ओर शहर शहर ओर यहां तक कि विदेशों में भी अपनी संस्कृति,सभ्यता ओर सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करने के लिए प्रतिबद्ध है। जो एक ऐसा व्यक्तित्व है जो भक्ति ज्ञान रस से नर को नारायण से मिलाने का माद्दा रखते है।
ऐसे संत युवा व्यक्तित्व प्रकाश चैतन्य जी महाराज ने आज जिला सिरमौर के गिरिपार को अपनी साधना,तप, शिक्षा ओर निपुणता के बलबूते अपनी एक अलग पहचान स्थापित कर दी है ओर साथ ही सभी भक्तजनों को मां यमुना (मां कालिंदी) के महत्व व स्वच्छ बनाने के लिए मार्गदर्शन करते रहते हैं। जिसका ताजा उदाहरण जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में चल रहे मदभागवत कथा में विस्तार से मां यमुना की महिमा ओर अस्तित्व को बनाए रखने के लिए सभी भक्तजनों को अनुग्रहित भी किया।
जिन्होंने जिला सिरमौर के पांवटा साहिब के गुरूवाला में यमुना ठाकुर धाम के नाम से एक विशाल आश्रम खोला गया है और जहां अनेकों गौ माता की सेवा दानी सज्जनों ओर आश्रम के प्रयासों से भलीफूत भी हो रही है। जहां अनेकों साधु सन्त ओर भक्तगण देश विदेश से इस अलोकिक आश्रम मे महाराज जी के दर्शनों को आते है और गौमाता की सेवा ओर आश्रम में अपने आप को गौरवान्वित महसूस करते हैं।
संत श्री प्रकाश चैतन्य महाराज जी अध्यात्म के साथ साथ समाज के हर गंभीर ओर अतिसंवेदनशील मुद्दों पर समय समय पर सभी भक्तजनों का मार्गदर्शन भी करते हैं। जिसमें चाहें हमारा नशे के आगोश में युवा पीढ़ी हो चाहे सफाई अभियान और गंगा,यमुना माता की स्वच्छता का या फिर आज के परिप्रेक्ष्य में बच्चों द्वारा माता पिता की सेवा ना करना हो इत्यादि समय समय पर महाराज जी भक्तजनों का मार्गदर्शन करते रहते हैं।
जिसका असर एक सन्त के रूप में वर्तमान ओर भविष्य में देखने ओर सुनने को भी मिलता है, और संभवतः ऐसे महापुरुषों ओर सन्तों के बलबूते ही यह धरा, इन्सानियत,ओर सनातन धर्म का वजूद भी कहीं ना कहीं क़ायम है जिसको जानने,समझने,ओर अपनाने की आज परम् आवश्यकता भी है ओर साथ ही महाराज श्री के प्रवचनों ओर मार्गदर्शनो से समाज ओर देश में एक नई आध्यत्मिक ऊर्जा की क्रान्ति बनीं रहतीं है।
साथ ही महाराज जी के द्वारा व्यक्ति निर्माण ओर ईश्वर की कृपा से हम सभी को भागवत कथा का रसपान ओर मार्गदर्शन से अपने जीवन के साथ साथ सभी भक्तजनों को ईश्वर से भक्ति और जीवन में अध्यात्मिक बोध करवाने की निपुणता में भी महारथ हासिल है।